Pihu Movie Trailer Out: रौंगटे खड़े कर देगी 2 साल की ‘पीहू’ की कहानी, विनोद कापड़ी की फिल्म का ट्रेलर जारी | विनोद कापड़ी निर्देशित फिल्म पीहू का ट्रेलर रिलीज किया गया है. ये दो साल की एक बच्ची की कहानी है. फिल्म को 16 नवंबर को रिलीज किया जाएगा. Know the Full Real Life Story of Incident Happened when 2 Years old Little Girl trapped herself in a House Alone. What Happened next is quite Shocking and Fearful. Read the Full Story in in Hindi. The On Screen Character of Little Girl is Played by Myra Vishswakarma. Read the Hindi and English Version of the Pihu Movie Story. Read the Pihu Movie Reviews, Public Response on First Day First Show.
Each time Kapri adopts a new tactic to engage your senses, you become more and more emotionally vulnerable. Infusing drama into this terrifying tale is Yogesh Jaini’s camera that patiently follows the two-year-old protagonist and let her be. Jaini uses almost every prop in the house to his advantage. He truly scares the hell out of you with a sequence shot from the inside of a microwave oven. The background score does not disappoint either and rarely goes overboard. At times, it amplifies the tension in the air. On other occasions, it tugs at your heartstrings.
The Pihu Movie released on 16th November 2018 and received lots of Love and Positive Public Response and Reviews. Don't miss to Watch and get the Thrilling Real Life Incident. It's going to be the Worst Nightmare any Parents Have.

पीहू एक 2018 की बॉलीवुड रमा फिल्म है, जिसका निर्देशन विनोद कापरी ने किया है। हाल ही में फिल्मों को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में दिखाई गयी थी।'पीहू' एक सामाजिक थ्रिलर फिल्म है। ओवरसीज में फिल्म की कई फंक्शन में स्क्रीनिंग हो चुकी है और इसे काफी तारीफ भी मिली है। फिल्म अब तक ईरान, वैंकूवर, मोरक्को और जर्मनी के फिल्म समारोह में अपनी धूम मचा चुकी है। यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है, जहां एक 2 साल की बच्ची घर में अकेली है और उसकी मां घर के एक कमरे में मृत पड़ी है। फिल्म के निर्माता है सिद्धार्थ रॉय कपूर और रॉनी स्क्रूवाला। यह 16 नवंबर 2018 को रिलीज होगी।
ट्रेलर में बताया गया है कि एक दो साल की बच्ची घर में अकेली होती है और फ्रिज में बंद हो जाती है. वह अपनी मृत मां को जगाने की कोशिश करती है. घर में अकेली बच्ची कभी किचन में जाकर गैस जला देती है तो कभी माइक्रोवेव ऑन करके रोटी जला देती है.
बच्ची खेलते-खेलते खुद को फ्रिज में बंद कर लेती है। इस बीच उसके घर में कुछ ऐसा होता है जो बेहद चौंका देने वाला होता है। फ्रिज में बंद हो जाने के बाद पीहू जोर लगाती है और फ्रिज का दरवाजा खोलकर बाहर निकलती है। वह अपनी मां के पास बेडरूम में जाती है। बच्ची की मां बेड पर मरी हुई है। पीहू तुतलाती बोली में अपनी मां को जगने के लिए कहती है। गौर से देखने पर पता चलता है कि पीहू की मां के शरीर पर घाव के निशान हैं और पूरा घर फैला हुआ है। 2 साल की पीहू मां के न उठने पर कभी खाना ढूंढती फिरती है, तो कभी दूध की बोतल को पकड़ने की कोशिश करती दिखती है।
ट्रेलर के आधार पर कहा जा सकता है कि ये सस्पेंस से भरी एक मासूम बच्ची की दिलचस्पी कहानी है. अंत में पीहू को ऊंची इमारत वाले फ्लैट के बालकनी पर खड़ी दिखती है.
नन्ही सी जान बालकॉनी की तरफ बढ़ती है और रेलिंग चढ़ती है…तभी…लगता है जैसे पीहू की जान को भी खतरा है। आखिर पीहू की मां को क्या हुआ? पूरे घर में 2 साल की पीहू बिलकुल अकेली है। क्या उसकी जान को भी खतरा है? विनोद कापड़ी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पीहू’ 16 नवंबर को सिनेमाघरों में आ रही है। फिल्म को डायरेक्ट करने के साथ-साथ लिखा भी विनोद कापड़ी ने ही है। ‘पीहू’ को प्रोड्यूस रॉनी स्क्रीवाला, सिद्धार्थ रॉय कपूर और शिल्पा जिंदल ने किया है। फिल्म में संगीत विशाल खुराना का है।
यह फिल्म एक सत्य घटना पर आधारित बताई गई है. यह पहले ही कई फिल्म फेस्टिवल में जा चुकी है. पाम स्प्रिंग्स और गोवा फिल्म फेस्टिवल में ये ओपनिंग फिल्म थीं.
यह फिल्म 2 साल की बच्ची पीहू (मायरा विश्वकर्मा) की है। घर में पति-पत्नी की हिंसा के बीच यह लड़की ऐसी परिस्थितियों से गुजरती है जो बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देती है। फिल्म में पीहू अपने जन्मदिन के अगले दिन सो कर उठती है। वहीं उसकी मां पति से परेशान होकर जहर खाकर मर चुकी है। पिता घर से दूर कोलकाता के लिए निकल चुका है। 2 साल की पीहू जब सोकर उठती है तो उसको यह नहीं पता है कि उसकी मां मर चुकी है। इस दौरान वह अपनी मां से बातें करती हैं। भूख लगने पर पीहू दूध और खाने के लिए जतन भी करती दिखती है।
कल्पना कीजिए घर में अकेली 2 साल की बच्ची गैस बरनर पर रोटी सेंके और फिर गैस को जलता हुआ ही छोड़ दे, या फिर खुद के फ्रिज में बंद कर लेना। फिल्म पीहू में ऐसे कई सीन और चीजें हैं जिन्हें हम अपनी रोजाना की जिंदगी में बहुत हल्के में लेते हैं। अगर हमारे घर में कोई छोटा बच्चा है और वह घर में अकेला है तो इन छोटी-छोटी चीजों को गंभीरता से न लें तो क्या हो सकता हैं। यह बात फिल्म पीहू अच्छे से साबित कर देती है। फिल्म के निर्देशन की बात करें तो इसका निर्देशक कई जगह तारिफ के काबिल रहा। जैसे ओवन में रोटी का घूमना, लेकिन कुछ एक सीन ऐसे भी हैं जिनपर और बेहतरी से काम हो सकता था।
फिल्म पीहू को सबसे ज्यादा कमजोर जिसने बनाया वह इसका बैकग्राउंड स्कोर। फिल्म में विशाल खुराना ने बैकग्राउंड स्कोर दिया है, लेकिन कुछ सीन के साथ बैकग्राउंड स्कोर बेहद कमजोर नजर आता है। जैसे पीहू के बालकनी से अपनी गुड़िया के लिए कभी हाथ तो कभी पैर निकालना या फिल्म ग्रिल पर खड़े होकर दोस्तों को बुलाना। ऐसे कुछ सीन में बैकग्राउंड स्कोर को और बेहतर किया जा सकता था। भारत में रिलीज से पहले पीहू को कई फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया गया, जहां इसने काफी सुर्खियां बटोरी।
वहीं फिल्म की शुरुआत काफी स्लो है, लेकिन इस फिल्म के साथ सबसे अच्छी चीज जो है वह है 2 साल की मायरा विश्वकर्मा का अभिनय। फिल्म में मायरा ने इतना शानदार अभिनय किया है कि उसकी मासूमियत ही दर्शकों के दिलों को जीतने के लिए काफी है। मायरा विश्वकर्मा के अभिनय को देखकर कहा जा सकता है कि ये विनोद कापड़ी ही हैं जो 2 साल की बच्ची से इतना अभिनय करवा सकते हैं। कुल मिलाकर फिल्म पीहू 2 साल की हैरतअंगेज बच्ची की दुर्लभ कहानी है।
Pihu Movie Full Storyline in Hindi -
बॉलीवुड में एक छोटे से कमरे के अंदर ऐसी बहुत ही कम फिल्में बनती हैं और दर्शकों के दिलों-दिमाग पर छाप छोड़ती हैं। साल 2016 में निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने की फिल्म ट्रैप्ड के बाद पत्रकार से डायरेक्टर बने विनोद कापड़ी की फिल्म पीहू भी दर्शकों के दिलों-दिमाग पर ऐसी ही छाप छोड़ती है। इससे भी ज्यादा खास बात यह है कि 2 साल की बच्ची से कैमरे पर अभिनय कराना। जो फिल्म को अपने आप खास बना देता है।यह फिल्म 2 साल की बच्ची पीहू (मायरा विश्वकर्मा) की है। घर में पति-पत्नी की हिंसा के बीच यह लड़की ऐसी परिस्थितियों से गुजरती है जो बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देती है। फिल्म में पीहू अपने जन्मदिन के अगले दिन सो कर उठती है। वहीं उसकी मां पति से परेशान होकर जहर खाकर मर चुकी है। पिता घर से दूर कोलकाता के लिए निकल चुका है। 2 साल की पीहू जब सोकर उठती है तो उसको यह नहीं पता है कि उसकी मां मर चुकी है। इस दौरान वह अपनी मां से बातें करती हैं। भूख लगने पर पीहू दूध और खाने के लिए जतन भी करती दिखती है।
कल्पना कीजिए घर में अकेली 2 साल की बच्ची गैस बरनर पर रोटी सेंके और फिर गैस को जलता हुआ ही छोड़ दे, या फिर खुद के फ्रिज में बंद कर लेना। फिल्म पीहू में ऐसे कई सीन और चीजें हैं जिन्हें हम अपनी रोजाना की जिंदगी में बहुत हल्के में लेते हैं। अगर हमारे घर में कोई छोटा बच्चा है और वह घर में अकेला है तो इन छोटी-छोटी चीजों को गंभीरता से न लें तो क्या हो सकता हैं। यह बात फिल्म पीहू अच्छे से साबित कर देती है। फिल्म के निर्देशन की बात करें तो इसका निर्देशक कई जगह तारिफ के काबिल रहा। जैसे ओवन में रोटी का घूमना, लेकिन कुछ एक सीन ऐसे भी हैं जिनपर और बेहतरी से काम हो सकता था।
फिल्म पीहू को सबसे ज्यादा कमजोर जिसने बनाया वह इसका बैकग्राउंड स्कोर। फिल्म में विशाल खुराना ने बैकग्राउंड स्कोर दिया है, लेकिन कुछ सीन के साथ बैकग्राउंड स्कोर बेहद कमजोर नजर आता है। जैसे पीहू के बालकनी से अपनी गुड़िया के लिए कभी हाथ तो कभी पैर निकालना या फिल्म ग्रिल पर खड़े होकर दोस्तों को बुलाना। ऐसे कुछ सीन में बैकग्राउंड स्कोर को और बेहतर किया जा सकता था। भारत में रिलीज से पहले पीहू को कई फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया गया, जहां इसने काफी सुर्खियां बटोरी।
वहीं फिल्म की शुरुआत काफी स्लो है, लेकिन इस फिल्म के साथ सबसे अच्छी चीज जो है वह है 2 साल की मायरा विश्वकर्मा का अभिनय। फिल्म में मायरा ने इतना शानदार अभिनय किया है कि उसकी मासूमियत ही दर्शकों के दिलों को जीतने के लिए काफी है। मायरा विश्वकर्मा के अभिनय को देखकर कहा जा सकता है कि ये विनोद कापड़ी ही हैं जो 2 साल की बच्ची से इतना अभिनय करवा सकते हैं। कुल मिलाकर फिल्म पीहू 2 साल की हैरतअंगेज बच्ची की दुर्लभ कहानी है।
Pihu Movie Full Story In English
Right from the first frame until the last, Kapri wants your undivided attention on Pihu, the character, an exceptional performance by Myra Vishwakarma that the director milked out of over 64 hours of raw footage. There is not even a single false note in her act because the camera largely captures her natural behavior. Barring a few scenes that feature the toddler’s mother lying in the bed, Pihu is the only character that you see in the film throughout its duration of 90 minutes. The rest of them, including the girl’s father, the society guard and neighbours, can only be heard. The way these invisible characters have been used to take the narrative forward is commendable. The story has been mainly captured in the telephonic conversations that Pihu has with her father. They seem orchestrated but not outrighly illogical. But with a lisping tot playing the title role, there was no other way Kapri could have possibly told this story.Each time Kapri adopts a new tactic to engage your senses, you become more and more emotionally vulnerable. Infusing drama into this terrifying tale is Yogesh Jaini’s camera that patiently follows the two-year-old protagonist and let her be. Jaini uses almost every prop in the house to his advantage. He truly scares the hell out of you with a sequence shot from the inside of a microwave oven. The background score does not disappoint either and rarely goes overboard. At times, it amplifies the tension in the air. On other occasions, it tugs at your heartstrings.
Pihu's father on the phone sounds like he is participating in a Vividh Bharti play. Noises of a maidservant, watchman and others incidental voices outside the apartment where Pihu is trapped (think Rajkummar Rao with a feeding-bottle in Trapped) sound like they've been hired to create sound effects.
These apart, Pihu hits all the right notes scaring the hell out of us as the little girl gets into one potentially life-threatening situation after another, all in the ironical 'safety' of her own home.
The biggest victory for Kapri, who has also written the screenplay of Pihu, is that he manages to carve out a full-fledged film from a concept that could well have been rejected after being labelled as a short-film idea. To keep his film afloat, he does resort to some unwarranted creative liberties but I assume that he has a legit reason for each one of them.
If you've ever worried about your child's wellbeing then Pihu will remind you of just how much at risk a child can be put into by selfish parents who forget that once you give birth to a new life your life no longer belongs to you.
The Pihu Movie released on 16th November 2018 and received lots of Love and Positive Public Response and Reviews. Don't miss to Watch and get the Thrilling Real Life Incident. It's going to be the Worst Nightmare any Parents Have.
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I actually watched the movie Pihu. It was a sad and interesting story. At the end, I thought Pihu was dead because the power went off. When her dad came, I found out her mom was dead!
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